किरण तिवारी
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摘要

诗人maithilisharan gupta是一位民族意识和文化的歌手,为民族语言赋予了品质。他是一个谦逊、有礼貌的外士那瓦教徒。在圣雄甘地(Mahatma Gandhi)的追随者看来,贫困和妇女自由事业是亲英的。古普塔简单、通俗的收藏、收藏者、内涵、乐观主义者、乐观主义者、动态主义者、动态主义者,以他过去在印度辉煌的视野,从各个角度看到、判断和分析了人类问题的普遍形式和当前形式,并通过他独立、健康和深刻的思考提出了一种文化解决方案。他的文化观是一种理想主义的现实主义。个人、家庭、社会、国家和世界都在大步前进。古普塔在他的诗歌中欢迎奴役的恐怖,中世纪文化的惰性,妇女的无助,剥削,压迫和自由,以及世界大战的丰富。对新时代的鉴赏,对新的人性的感悟,对国际主义的精神,也体现在他的诗歌中。因此,他被视为民族意识和民族文化的鼻祖。
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मैथिलीशरण गुप्त: राष्ट्रीय चेतना एवं संस्कृति के प्रणेता
कवि मैथिलीशरण गुप्त राष्ट्रभाषा को गुणवत्ता प्रदान करने वाले राष्ट्रीय चेतना एवं संस्कृति के गायक थे। स्वभाव से विनम्र, शिष्ट और वैष्णव थे। महात्मा गांधी के अनुयायी होने के कारण पतित उद्धार और नारी स्वतंत्रता के समर्थक थे। गुप्त जी सरल, लोक संग्रही, गुणग्राही, आशावादी, कर्मनिष्ठ, स्वदेश के अतीत गौरव के अभिमानी और उज्जवल भविष्य के स्वप्न दृष्टा थे। कवि ने मानवीय समस्याओं के सार्वकालिक और वर्तमान स्वरूपों को सभी कोणों से देखा, परखा और विश्लेषित किया है एवं अपने युगानुरूप स्वस्थ और गंभीर चिंतन द्वारा एक सांस्कृतिक समाधान भी प्रस्तुत किये हैं। उनकी सांस्कृतिक दृष्टि आदर्शोन्मुख यथार्थवादी है। व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व सभी उनकी परिधि में आ जाते हैं। गुप्त जी ने अपने काव्य में पराधीनता का संत्रास, मध्ययुगीन संस्कृति की जड़ता, नारी की विवशता, दीनों का शोषण और उत्पीड़न तथा विश्वयुद्ध की विभिषिका के साथ-साथ स्वाधीनता का स्वागत किया। नवयुग का अभिनंदन और नव्य मानवता बोध, अंतर्राष्ट्रीयता के स्वर को भी अपने काव्यों में स्थान दिया। इस प्रकार वे राष्ट्रीय चेतना और संस्कृति के प्रणेता माने जाते हैं।
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