विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों में शासन द्वारा संचालित विकास के काय्रक्रमो के प्रति जागरूकता: एक अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले के विशेष संदर्भ में
{"title":"विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों में शासन द्वारा संचालित विकास के काय्रक्रमो के प्रति जागरूकता: एक अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले के विशेष संदर्भ में","authors":"अंजली यादव, एस. एल. गजपाल","doi":"10.52228/jrua.2024-30-2-8","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"\n प्रस्तुत शोध अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा पर आधारित है। शोध अध्ययन कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड़ के 7 ग्रामांे पर केन्द्रित है। अध्ययनगत क्षेत्र के 277 परिवारो पर अध्ययन किया गया है। शोध अध्ययन मे तथ्य संकलन हेतू प्राथमिक तथ्य संकलन साक्षात्कार अनुसूची एंव अवलोकन प्रविधि के द्वारा किया गया है। अध्ययन के माध्यम से इस तथ्य को जानने का प्रयास किया गया है कि वैश्विक परिदृश्य में आदिम जनजाति बैगा समूहों में शासन द्वारा संचालित जनसंख्या गिरावट को रोकने हेतु किये गये सरकारी व गैर सरकारी प्रयासो के प्रति जागरूकता के प्रति चेतना को जानने का प्रयास किया गया है। अध्ययन सें यह ज्ञात हुआ है कि बैगाओं की जनसंख्या लगातार विगत वर्षो में घटती जा रही है। शासन ने बैगाआंे के जीवन स्तर को सुधारने हेतु अनेक योजनाआंे को संचालित किया है जिसके फलस्वरूप भी बैगा वर्तमान समय मे भी सरकार द्वारा अनेक रोजगार सम्बंधी स्वास्थ्य सम्बंधी, शिक्षा सम्बंधी योजनाओं से अनभिज्ञ पाये गये है। ऐसे में बैगाओं की जनसंख्या मे बढ़ती हुयी गिरावट एक गंभीर चिंतनीय विषय है।\n","PeriodicalId":296911,"journal":{"name":"Journal of Ravishankar University (PART-A)","volume":"42 19","pages":""},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2024-07-24","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"Journal of Ravishankar University (PART-A)","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.52228/jrua.2024-30-2-8","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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Abstract
प्रस्तुत शोध अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा पर आधारित है। शोध अध्ययन कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड़ के 7 ग्रामांे पर केन्द्रित है। अध्ययनगत क्षेत्र के 277 परिवारो पर अध्ययन किया गया है। शोध अध्ययन मे तथ्य संकलन हेतू प्राथमिक तथ्य संकलन साक्षात्कार अनुसूची एंव अवलोकन प्रविधि के द्वारा किया गया है। अध्ययन के माध्यम से इस तथ्य को जानने का प्रयास किया गया है कि वैश्विक परिदृश्य में आदिम जनजाति बैगा समूहों में शासन द्वारा संचालित जनसंख्या गिरावट को रोकने हेतु किये गये सरकारी व गैर सरकारी प्रयासो के प्रति जागरूकता के प्रति चेतना को जानने का प्रयास किया गया है। अध्ययन सें यह ज्ञात हुआ है कि बैगाओं की जनसंख्या लगातार विगत वर्षो में घटती जा रही है। शासन ने बैगाआंे के जीवन स्तर को सुधारने हेतु अनेक योजनाआंे को संचालित किया है जिसके फलस्वरूप भी बैगा वर्तमान समय मे भी सरकार द्वारा अनेक रोजगार सम्बंधी स्वास्थ्य सम्बंधी, शिक्षा सम्बंधी योजनाओं से अनभिज्ञ पाये गये है। ऐसे में बैगाओं की जनसंख्या मे बढ़ती हुयी गिरावट एक गंभीर चिंतनीय विषय है।
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों में शासन द्वारा संचालित विकास के काय्रक्रमो के प्रति जागरूकता: एक अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले के विशेष संदर्भ में
प्रस्तुत शोध अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा पर आधारित है। शोध अध्ययन क↪Lo_92Cीरधाम जिलेकेबोड़ला विकासखण्ड़ के 7 ग्रामांे पर केन्द्रित है। अध्ययनगत क्षेत्र के 277 परिवारो पर अध्ययन किया गया है। शोधअध्ययन मे तथ्य संकलन हेतू प्राथमिक तथ्य संकलन साक्षात्कार अनुसूच ीएंव अवलोकन प्रविधिके द्वारा कियागया है। अध्ययन के माध्यम से इस तथ्य को जाने का प्रयास किया गया हैकि वैश्विक परिदृश्य में आदिम जनजाति बैगासमूहों में शासन द्वारा संचालित जनंसख्या गिरावट को रोकने हतु किये गय सरकारी व गैर सरकारी प्रयासो के प्रतिजागरूकता के प्रति चेतना को जाने का प्रयास किया गया है। अध्ययन सें यह ज्ञात हुआ है कि बैगाओं की जनसंख्यालगायालगातार विगत वर्षो में घटती जा रही है। शासन ने बैगाआंे के जीवन स्तर को सुधारने हेतु अनेक योजनाआंे को संचालितकिया ह↪Lo_Mn_948↩ जिसके फलस्वरूप भी बैगा वर्तमान समय मे भीसरकार द्वार ा अनेक रोजगार सम्बंधीस्वास्थ्यसम्बंधी、शिक्षा सम्बंधी योजनाओं से अनभिज्ञ पाये गय है। ऐसे में बैगाओंकी जनसंख्या मे बढ़ती हुयी गिरावट एक गंभीर चिंतनीय विषय है।