{"title":"ग्राम पंचायत में दलित महिला प्रधान की भूमिका का समाजशास्त्रीय अध्ययन गोरखपुर जनपद के संदर्भ में","authors":"कविता, डॉ० राम समुझ सिंह","doi":"10.61778/ijmrast.v2i1.32","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"भारत में पंचायती राज व्यवस्था का अस्तित्व प्राचीन काल से ही है जो स्थानीय क्षेत्रों का विकास तथा समस्याओं का समाधान करता था। समय के साथ इसके प्रकार्यो में परिवर्तन होता रहा है । वर्तमान में पंचायत राज व्यवस्था वह संस्था है जो सामान्य स्थानीय जनता के प्रशासन के लिए होता है । यह संस्था स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु स्थानीय जनसाधारण द्वारा चुने गए सदस्यों द्वारा होता है । प्रस्तुत शोध पत्र में पंचायती राज व्यवस्था में ग्रामीण दलित महिला प्रधानों की भूमिका का अध्ययन किया गया है ।","PeriodicalId":514582,"journal":{"name":"International Journal of Multidisciplinary Research in Arts, Science and Technology","volume":"190 1","pages":""},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2024-01-30","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"International Journal of Multidisciplinary Research in Arts, Science and Technology","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i1.32","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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Abstract
भारत में पंचायती राज व्यवस्था का अस्तित्व प्राचीन काल से ही है जो स्थानीय क्षेत्रों का विकास तथा समस्याओं का समाधान करता था। समय के साथ इसके प्रकार्यो में परिवर्तन होता रहा है । वर्तमान में पंचायत राज व्यवस्था वह संस्था है जो सामान्य स्थानीय जनता के प्रशासन के लिए होता है । यह संस्था स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु स्थानीय जनसाधारण द्वारा चुने गए सदस्यों द्वारा होता है । प्रस्तुत शोध पत्र में पंचायती राज व्यवस्था में ग्रामीण दलित महिला प्रधानों की भूमिका का अध्ययन किया गया है ।
ग्राम पंचायत में दलित महिला प्रधान की भूमिका का समाजशास्त्रीय अध्ययन गोरखपुर जनपद के संदर्भ में
भारत में पंचायतीराज व्यवस्था का अस्तित्व प्राचीन काल से ही है जो स्थानीय क्षेत्रों का विकास तथा समस्याओं का समाधान करताथा। समय के साथ इसके प्रकार्यो में परिवर्तन होता राह है । वर्तमान में पंचायत राज व्यवस्था वह संस्था है जो सामान्य स्थानीयजनता के प्रशासन के लिए होता है । य ह संस्था स्थानीय आवश्यकताओंकी पूर्ति हेतु स्थानीय जनसाधारण द्वारा चुने गए सदस्योंद्वाराहोता है । प्रस्तुत शोध पत्र में पंचायतीराज व्यवस्था में ग्रामीण दलित महिला प्रधानोंकी भूमिकाका अध्ययन किया गया है ।