{"title":"कोविड-19 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव","authors":"अर्चना सेठी, ए.के. पाण्डेय, राधा पाण्डेय","doi":"10.52228/JRUA.2021-27-1-11","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"\n कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लाॅकडाउन से जहां एक ओर प्रकृति ने खुलकर सांस ली पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार कम हो गई। पहले से ही मुश्किल झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना वायरस का हमला एक बड़ी मुसीबत लेकर आया है। इस समय दुनिया के समक्ष दो समस्याएं है प्रथम कोविड 19 के संक्रमण को रोकना द्वितीय अर्थव्यवस्था को विकास के मार्ग पर वापस लाना। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लाॅकडाउन से जहां सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हुए है। ये श्रमिक जहां रहने एवं खाने के लिए सैंकडों किलोमीटर चलकर अपने घर लौटने को बाध्य हुए। इससे अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई साथ ही कोविड-19 का संक्रमण बढ़ा। शासन ने अर्थव्यवस्था को विकास के मार्ग पर वापस लाने के लिए 20 लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा की है जो आर्कषक तो लग रहा है लेकिन सफलता इसके सही क्रियान्वयन पर निर्भर करता है। कोविड.19 की अब तक ना कोई वैकसीन नहीं बना है ना ही इसका अभी तक इलाज मिला है। अर्थव्यवस्था के सामने एक के बाद एक चुनौतियां है। \n","PeriodicalId":296911,"journal":{"name":"Journal of Ravishankar University (PART-A)","volume":"519 1","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2021-07-01","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"Journal of Ravishankar University (PART-A)","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.52228/JRUA.2021-27-1-11","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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Abstract
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लाॅकडाउन से जहां एक ओर प्रकृति ने खुलकर सांस ली पर्यावरण प्रदूषण कम हुआ वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार कम हो गई। पहले से ही मुश्किल झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना वायरस का हमला एक बड़ी मुसीबत लेकर आया है। इस समय दुनिया के समक्ष दो समस्याएं है प्रथम कोविड 19 के संक्रमण को रोकना द्वितीय अर्थव्यवस्था को विकास के मार्ग पर वापस लाना। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लाॅकडाउन से जहां सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हुए है। ये श्रमिक जहां रहने एवं खाने के लिए सैंकडों किलोमीटर चलकर अपने घर लौटने को बाध्य हुए। इससे अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई साथ ही कोविड-19 का संक्रमण बढ़ा। शासन ने अर्थव्यवस्था को विकास के मार्ग पर वापस लाने के लिए 20 लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा की है जो आर्कषक तो लग रहा है लेकिन सफलता इसके सही क्रियान्वयन पर निर्भर करता है। कोविड.19 की अब तक ना कोई वैकसीन नहीं बना है ना ही इसका अभी तक इलाज मिला है। अर्थव्यवस्था के सामने एक के बाद एक चुनौतियां है।