{"title":"राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अंतर्दृष्टि एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा","authors":"नरेश कुमार","doi":"10.59231/sari7594","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संवैधानिक मूल्यों एवं मौलिक दायित्वों से युक्त एक ऐसी शिक्षा नीति है जो देश के साथ जुड़ाव और बदलते विश्व में नागरिक की भूमिका और उत्तरदायित्वों की जागरूकता उत्पन्न करने पर बल देती है। इस नीति की अंतर्दृष्टि छात्रों में भारतीय होने का गर्व न केवल विचार में बल्कि व्यवहार, बुद्धि और कार्यों में भी और साथ ही ज्ञान, कौशल, मूल्यों और सोच में भी होना चाहिए जो मानवाधिकारों, स्थायी विकास और जीवनयापन तथा वैश्विक कल्याण के प्रतिबद्ध हो, ताकि सही मायने में वे वैश्विक नागरिक बन सकें। यह नीति प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है तथा जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस नीति में तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिए तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में निवेश एवं इसकी पहुँच देश के सभी बच्चों तक सुनिश्चित सुनिश्चित करना, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में लचीली, बहुआयामी, खेल, गतिविधि एवं खोज आधारित शिक्षा का समावेशन करना, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करना, विस्तृत और सशक्त (ईसीसीई) संस्थानों द्वारा ईसीसीई प्रणाली को लागू करना, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य के विकास की निगरानी एवं जाँच-परीक्षण की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से संबंधित कुछ ऐसे प्रमुख प्रावधान हैं जो इसे अपने आप में एक विशिष्ट एवं महत्त्वपूर्ण शिक्षा नीति बनाते हैं।","PeriodicalId":447056,"journal":{"name":"Shodh Sari-An International Multidisciplinary Journal","volume":"130 1","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2023-07-01","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"Shodh Sari-An International Multidisciplinary Journal","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.59231/sari7594","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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Abstract
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संवैधानिक मूल्यों एवं मौलिक दायित्वों से युक्त एक ऐसी शिक्षा नीति है जो देश के साथ जुड़ाव और बदलते विश्व में नागरिक की भूमिका और उत्तरदायित्वों की जागरूकता उत्पन्न करने पर बल देती है। इस नीति की अंतर्दृष्टि छात्रों में भारतीय होने का गर्व न केवल विचार में बल्कि व्यवहार, बुद्धि और कार्यों में भी और साथ ही ज्ञान, कौशल, मूल्यों और सोच में भी होना चाहिए जो मानवाधिकारों, स्थायी विकास और जीवनयापन तथा वैश्विक कल्याण के प्रतिबद्ध हो, ताकि सही मायने में वे वैश्विक नागरिक बन सकें। यह नीति प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है तथा जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस नीति में तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिए तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में निवेश एवं इसकी पहुँच देश के सभी बच्चों तक सुनिश्चित सुनिश्चित करना, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में लचीली, बहुआयामी, खेल, गतिविधि एवं खोज आधारित शिक्षा का समावेशन करना, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करना, विस्तृत और सशक्त (ईसीसीई) संस्थानों द्वारा ईसीसीई प्रणाली को लागू करना, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य के विकास की निगरानी एवं जाँच-परीक्षण की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से संबंधित कुछ ऐसे प्रमुख प्रावधान हैं जो इसे अपने आप में एक विशिष्ट एवं महत्त्वपूर्ण शिक्षा नीति बनाते हैं।