{"title":"部落文化与环境:贝图尔地区分析","authors":"Vivek Kumar Arya, Sanjay Singh Chauhan, Arender Singh Suryavanshi","doi":"10.22214/ijraset.2024.63686","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"सारांश: यह अÚययन मÚय Ĥदेश के बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के जǑटल संबंधɉ का ͪवæलेषण करता है। बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय जनसंÉया एक समृɮध सांèकृ Ǔतक धरोहर को संजोए हु एहै, िजसमɅउनकȧ जीवनशैलȣ, रȣǓत-ǐरवाज, और धाͧम[क माÛयताएं शाͧमल हɇ। यह सांèकृ Ǔतक धरोहर èथानीय पया[वरण के साथ गहराई सेजुड़ी हु ईहै, जो जनजाǓतयɉ के जीवन के ͪवͧभÛन पहलुओं पर Ĥभाव डालती है। अÚययन मɅपाया गया हैͩक बैतूल कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत èथानीय पया[वरणीय संसाधनɉ के सतत उपयोग पर आधाǐरत है। वन, जल İोत, और कृ ͪष भूͧम जैसी Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का समुͬचत उपयोग जनजाǓतयɉ कȧ दैǓनक जीवनचया[ और सांèकृ Ǔतक परंपराओं मɅ अͧभÛन Ǿप सेशाͧमल है। इसके अलावा, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई पारंपǐरक कृ ͪष पɮधǓतयांऔर औषधीय पौधɉ का £ान पया[वरण के संर¢ण मɅमह×वपूण[ भूͧमका Ǔनभातेहɇ। अÚययन मɅयह भी उजागर ͩकया गया हैͩक बाहरȣ कारकɉ, जैसेͩक औɮयोͬगकȧकरण और शहरȣकरण, नेजनजातीय जीवन और पया[वरण पर नकारा×मक Ĥभाव डाला है। इसके पǐरणामèवǾप, Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का ¢य और जनजातीय परंपराओंका ıास हो रहा है। इन चुनौǓतयɉ के बावजूद, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई सामुदाǓयक Ĥथाएंऔर èथानीय पया[वरणीय Ĥबंधन Ĥणालȣ इस ¢ेğ केसतत ͪवकास मɅसहायक हो सकती हɇ। अंततः, यह अÚययन बैतूल ¢ेğ मɅजनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के पारèपǐरक संबंधɉ को समझनेका Ĥयास करता है, िजससेनीǓतगत Ǔनमा[ण और ͪवकास योजनाओं मɅसमावेशी Ǻिçटकोण अपनानेमɅ सहायता ͧमल सके । इस Ĥकार, यह न के वल जनजातीय समुदायɉ कȧ सांèकृ Ǔतक धरोहर कȧ सुर¢ा मɅसहायक होगा, बिãक èथानीय पया[वरण केसंर¢ण मɅभी मह×वपूण[योगदान देगा।","PeriodicalId":13718,"journal":{"name":"International Journal for Research in Applied Science and Engineering Technology","volume":"38 6","pages":""},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2024-07-31","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":"{\"title\":\"Tribal Culture and Environment: An Analysis of Betul Region\",\"authors\":\"Vivek Kumar Arya, Sanjay Singh Chauhan, Arender Singh Suryavanshi\",\"doi\":\"10.22214/ijraset.2024.63686\",\"DOIUrl\":null,\"url\":null,\"abstract\":\"सारांश: यह अÚययन मÚय Ĥदेश के बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के जǑटल संबंधɉ का ͪवæलेषण करता है। बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय जनसंÉया एक समृɮध सांèकृ Ǔतक धरोहर को संजोए हु एहै, िजसमɅउनकȧ जीवनशैलȣ, रȣǓत-ǐरवाज, और धाͧम[क माÛयताएं शाͧमल हɇ। यह सांèकृ Ǔतक धरोहर èथानीय पया[वरण के साथ गहराई सेजुड़ी हु ईहै, जो जनजाǓतयɉ के जीवन के ͪवͧभÛन पहलुओं पर Ĥभाव डालती है। अÚययन मɅपाया गया हैͩक बैतूल कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत èथानीय पया[वरणीय संसाधनɉ के सतत उपयोग पर आधाǐरत है। वन, जल İोत, और कृ ͪष भूͧम जैसी Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का समुͬचत उपयोग जनजाǓतयɉ कȧ दैǓनक जीवनचया[ और सांèकृ Ǔतक परंपराओं मɅ अͧभÛन Ǿप सेशाͧमल है। इसके अलावा, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई पारंपǐरक कृ ͪष पɮधǓतयांऔर औषधीय पौधɉ का £ान पया[वरण के संर¢ण मɅमह×वपूण[ भूͧमका Ǔनभातेहɇ। अÚययन मɅयह भी उजागर ͩकया गया हैͩक बाहरȣ कारकɉ, जैसेͩक औɮयोͬगकȧकरण और शहरȣकरण, नेजनजातीय जीवन और पया[वरण पर नकारा×मक Ĥभाव डाला है। इसके पǐरणामèवǾप, Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का ¢य और जनजातीय परंपराओंका ıास हो रहा है। इन चुनौǓतयɉ के बावजूद, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई सामुदाǓयक Ĥथाएंऔर èथानीय पया[वरणीय Ĥबंधन Ĥणालȣ इस ¢ेğ केसतत ͪवकास मɅसहायक हो सकती हɇ। अंततः, यह अÚययन बैतूल ¢ेğ मɅजनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के पारèपǐरक संबंधɉ को समझनेका Ĥयास करता है, िजससेनीǓतगत Ǔनमा[ण और ͪवकास योजनाओं मɅसमावेशी Ǻिçटकोण अपनानेमɅ सहायता ͧमल सके । इस Ĥकार, यह न के वल जनजातीय समुदायɉ कȧ सांèकृ Ǔतक धरोहर कȧ सुर¢ा मɅसहायक होगा, बिãक èथानीय पया[वरण केसंर¢ण मɅभी मह×वपूण[योगदान देगा।\",\"PeriodicalId\":13718,\"journal\":{\"name\":\"International Journal for Research in Applied Science and Engineering Technology\",\"volume\":\"38 6\",\"pages\":\"\"},\"PeriodicalIF\":0.0000,\"publicationDate\":\"2024-07-31\",\"publicationTypes\":\"Journal Article\",\"fieldsOfStudy\":null,\"isOpenAccess\":false,\"openAccessPdf\":\"\",\"citationCount\":\"0\",\"resultStr\":null,\"platform\":\"Semanticscholar\",\"paperid\":null,\"PeriodicalName\":\"International Journal for Research in Applied Science and Engineering Technology\",\"FirstCategoryId\":\"1085\",\"ListUrlMain\":\"https://doi.org/10.22214/ijraset.2024.63686\",\"RegionNum\":0,\"RegionCategory\":null,\"ArticlePicture\":[],\"TitleCN\":null,\"AbstractTextCN\":null,\"PMCID\":null,\"EPubDate\":\"\",\"PubModel\":\"\",\"JCR\":\"\",\"JCRName\":\"\",\"Score\":null,\"Total\":0}","platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"International Journal for Research in Applied Science and Engineering Technology","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.22214/ijraset.2024.63686","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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摘要
सारांश:यह अÚययन मÚय Ĥदेश के बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के जǑटल संबंधɉ का ͪवæलेषण करता है। बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय जनसंÉया एक समृɮध सांèकृ Ǔतक धरोहर को संजोए हु एहै,िजसमɅउनकȧ जीवनशैलȣ, रȣǓत-ǐरवाज、और धाͧम[क माÛयताएं शाͧमल हɇ। य ह सांèकृ Ǔतक धरोहर èथानीय पया[वरण के साथ गहराई सेजुड़ी हु ई है、जो जनजाǓतयɉ के जीवन के ͪवͧभÛन पलुओं पर Ĥभाव डालती है। अÚययन मɅपाया गया हैͩक बैतूलकȧ जनजातीय संèकृ Ǔत èथानीय पया[वरणीय संसाधनɉके सतत उपयोग पर आधाǐरत है।न、जल İोत, और कृ ͪष भूͧम जैसी Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ कासमुͬचत उपयोग जनजाǓतयɉ कȧदैǓनक जीवनचया[ और सांèकृ Ǔतक परंपराओं मɅ अͧभÛन Ǿप सेशाͧमल है। इसके अलाव、जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई पारंपǐरक कृ ष पɮधǓतयंाऔर औषधीय पौधɉ का £ान पया[वरण के संर¢ण मɅमह_COPY×09पूण[ भूͧमका नभातेɇ। अÚययन मɅय भही उजागर ͩकया गया हैͩकबाहर ȣकारकɉ、जैसेͩक औɮयोͬगकȧकरण और शहरȣकरण, नेजनजातीय जीवन और पया[वरण पर नकारा×मक Ĥभाव डाला है। इसके पǐरणामèवǾप, Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का ¢य और जनजातीय परंपराओंका ıास हो रहा है। इन चुनौǓतयɉ के बावजूद,जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई सामुदाǓयक Ĥथाएंऔर èथानीय पया[वरणीय Ĥबंधन Ĥणालȣ इस ¢ेğकेसतत ͪवकास मɅसहायक होसकती हɇ। अंततः、यह अÚययन बैतूल ¢ेğ मɅजनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के पारèपǐरक संबंधɉ को समझनेका Ĥयास करता है, िजससेनीǓतगत Ǔनमा[ण और ͪवकास योजनाओं मɅसमावेशी Ǻिçटकोण अपनानेमɅ सहायता ͧमल सके । इस Ĥकार,य न के वल जनजातीय समुदायɉ कȧ सांèकृ Ǔतक धरोहर कȧ सुर¢ा मɅसहायक होगा, बिãक èथानीय पया[वरण केसंर¢ण मɅभी मह×वपूण[योगदानदेगा।
Tribal Culture and Environment: An Analysis of Betul Region
सारांश: यह अÚययन मÚय Ĥदेश के बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के जǑटल संबंधɉ का ͪवæलेषण करता है। बैतूल ¢ेğ कȧ जनजातीय जनसंÉया एक समृɮध सांèकृ Ǔतक धरोहर को संजोए हु एहै, िजसमɅउनकȧ जीवनशैलȣ, रȣǓत-ǐरवाज, और धाͧम[क माÛयताएं शाͧमल हɇ। यह सांèकृ Ǔतक धरोहर èथानीय पया[वरण के साथ गहराई सेजुड़ी हु ईहै, जो जनजाǓतयɉ के जीवन के ͪवͧभÛन पहलुओं पर Ĥभाव डालती है। अÚययन मɅपाया गया हैͩक बैतूल कȧ जनजातीय संèकृ Ǔत èथानीय पया[वरणीय संसाधनɉ के सतत उपयोग पर आधाǐरत है। वन, जल İोत, और कृ ͪष भूͧम जैसी Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का समुͬचत उपयोग जनजाǓतयɉ कȧ दैǓनक जीवनचया[ और सांèकृ Ǔतक परंपराओं मɅ अͧभÛन Ǿप सेशाͧमल है। इसके अलावा, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई पारंपǐरक कृ ͪष पɮधǓतयांऔर औषधीय पौधɉ का £ान पया[वरण के संर¢ण मɅमह×वपूण[ भूͧमका Ǔनभातेहɇ। अÚययन मɅयह भी उजागर ͩकया गया हैͩक बाहरȣ कारकɉ, जैसेͩक औɮयोͬगकȧकरण और शहरȣकरण, नेजनजातीय जीवन और पया[वरण पर नकारा×मक Ĥभाव डाला है। इसके पǐरणामèवǾप, Ĥाकृ Ǔतक संसाधनɉ का ¢य और जनजातीय परंपराओंका ıास हो रहा है। इन चुनौǓतयɉ के बावजूद, जनजाǓतयɉ ɮवारा अपनाई गई सामुदाǓयक Ĥथाएंऔर èथानीय पया[वरणीय Ĥबंधन Ĥणालȣ इस ¢ेğ केसतत ͪवकास मɅसहायक हो सकती हɇ। अंततः, यह अÚययन बैतूल ¢ेğ मɅजनजातीय संèकृ Ǔत और पया[वरण के बीच के पारèपǐरक संबंधɉ को समझनेका Ĥयास करता है, िजससेनीǓतगत Ǔनमा[ण और ͪवकास योजनाओं मɅसमावेशी Ǻिçटकोण अपनानेमɅ सहायता ͧमल सके । इस Ĥकार, यह न के वल जनजातीय समुदायɉ कȧ सांèकृ Ǔतक धरोहर कȧ सुर¢ा मɅसहायक होगा, बिãक èथानीय पया[वरण केसंर¢ण मɅभी मह×वपूण[योगदान देगा।