{"title":"老年人的问题和变化情况(以雷瓦区爪哇县为例)","authors":"मधुलिका श्रीवास्तव, दिनेश कुमार","doi":"10.52711/2454-2687.2023.00003","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"प्रस्तुत शोध पत्र में समाज में वृद्धों की समस्याओं की स्थिति को जानने का प्रयास किया गया है, जिसमें रीवा जिला के कुछ क्षेत्रांे को चुनकर समाज में वृद्धों की समस्याओं का अवलोकन किया गया है तथा 50 वृद्ध लोगों से साक्षात्कार के माध्यम से तथ्य एकत्रित किये गए हैं। भारत वर्ष में वृद्ध व्यक्तियों को आदर एवं सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। सामान्यतः इन व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समस्याओं का समाधान भारतीय संयुक्त परिवार में होता रहा है; परन्तु औद्योगिकीकरण के परिणाम स्वरूप इस देश में संयुक्त परिवार का धीरे-धीरे विघटन हो रहा है तथा उसके स्थान पर एकल परिवार का वर्चस्व बढ़ रहा है। इसके साथ-साथ व्यक्तिवादी, भौतिकवादी एवं सुखवादी मूल्यों के बढ़ने के कारण वृद्धो की उपेक्षा की जाने लगी इसके अतिरिक्त कुछ वृद्ध निराश्रितता की समस्या से भी ग्रस्त होते जा रहें है। जिनमें आर्थिक समस्याओं स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय समस्याओं परिवारिक एवं भावनात्मक समस्याओं अवासीय समस्याओं इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। सर्वेक्षण में शोधार्थी द्वारा उत्तरदाताओं से प्रश्न पूँछा गया जिसमें वृद्धों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त तथ्यों को वर्गीकृत व विश्लेषित कर निष्कर्ष प्रस्तुत किये गए है।","PeriodicalId":425062,"journal":{"name":"International Journal of Reviews and Research in Social Sciences","volume":"46 1","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2023-03-31","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":"{\"title\":\"वृद्धजनों की समस्या एवं परिवर्तनशील स्थिति (रीवा जिले के जवा तहसील के विशेष संदर्भ में)\",\"authors\":\"मधुलिका श्रीवास्तव, दिनेश कुमार\",\"doi\":\"10.52711/2454-2687.2023.00003\",\"DOIUrl\":null,\"url\":null,\"abstract\":\"प्रस्तुत शोध पत्र में समाज में वृद्धों की समस्याओं की स्थिति को जानने का प्रयास किया गया है, जिसमें रीवा जिला के कुछ क्षेत्रांे को चुनकर समाज में वृद्धों की समस्याओं का अवलोकन किया गया है तथा 50 वृद्ध लोगों से साक्षात्कार के माध्यम से तथ्य एकत्रित किये गए हैं। भारत वर्ष में वृद्ध व्यक्तियों को आदर एवं सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। सामान्यतः इन व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समस्याओं का समाधान भारतीय संयुक्त परिवार में होता रहा है; परन्तु औद्योगिकीकरण के परिणाम स्वरूप इस देश में संयुक्त परिवार का धीरे-धीरे विघटन हो रहा है तथा उसके स्थान पर एकल परिवार का वर्चस्व बढ़ रहा है। इसके साथ-साथ व्यक्तिवादी, भौतिकवादी एवं सुखवादी मूल्यों के बढ़ने के कारण वृद्धो की उपेक्षा की जाने लगी इसके अतिरिक्त कुछ वृद्ध निराश्रितता की समस्या से भी ग्रस्त होते जा रहें है। जिनमें आर्थिक समस्याओं स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय समस्याओं परिवारिक एवं भावनात्मक समस्याओं अवासीय समस्याओं इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। सर्वेक्षण में शोधार्थी द्वारा उत्तरदाताओं से प्रश्न पूँछा गया जिसमें वृद्धों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त तथ्यों को वर्गीकृत व विश्लेषित कर निष्कर्ष प्रस्तुत किये गए है।\",\"PeriodicalId\":425062,\"journal\":{\"name\":\"International Journal of Reviews and Research in Social Sciences\",\"volume\":\"46 1\",\"pages\":\"0\"},\"PeriodicalIF\":0.0000,\"publicationDate\":\"2023-03-31\",\"publicationTypes\":\"Journal Article\",\"fieldsOfStudy\":null,\"isOpenAccess\":false,\"openAccessPdf\":\"\",\"citationCount\":\"0\",\"resultStr\":null,\"platform\":\"Semanticscholar\",\"paperid\":null,\"PeriodicalName\":\"International Journal of Reviews and Research in Social Sciences\",\"FirstCategoryId\":\"1085\",\"ListUrlMain\":\"https://doi.org/10.52711/2454-2687.2023.00003\",\"RegionNum\":0,\"RegionCategory\":null,\"ArticlePicture\":[],\"TitleCN\":null,\"AbstractTextCN\":null,\"PMCID\":null,\"EPubDate\":\"\",\"PubModel\":\"\",\"JCR\":\"\",\"JCRName\":\"\",\"Score\":null,\"Total\":0}","platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"International Journal of Reviews and Research in Social Sciences","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.52711/2454-2687.2023.00003","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
वृद्धजनों की समस्या एवं परिवर्तनशील स्थिति (रीवा जिले के जवा तहसील के विशेष संदर्भ में)
प्रस्तुत शोध पत्र में समाज में वृद्धों की समस्याओं की स्थिति को जानने का प्रयास किया गया है, जिसमें रीवा जिला के कुछ क्षेत्रांे को चुनकर समाज में वृद्धों की समस्याओं का अवलोकन किया गया है तथा 50 वृद्ध लोगों से साक्षात्कार के माध्यम से तथ्य एकत्रित किये गए हैं। भारत वर्ष में वृद्ध व्यक्तियों को आदर एवं सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। सामान्यतः इन व्यक्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समस्याओं का समाधान भारतीय संयुक्त परिवार में होता रहा है; परन्तु औद्योगिकीकरण के परिणाम स्वरूप इस देश में संयुक्त परिवार का धीरे-धीरे विघटन हो रहा है तथा उसके स्थान पर एकल परिवार का वर्चस्व बढ़ रहा है। इसके साथ-साथ व्यक्तिवादी, भौतिकवादी एवं सुखवादी मूल्यों के बढ़ने के कारण वृद्धो की उपेक्षा की जाने लगी इसके अतिरिक्त कुछ वृद्ध निराश्रितता की समस्या से भी ग्रस्त होते जा रहें है। जिनमें आर्थिक समस्याओं स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय समस्याओं परिवारिक एवं भावनात्मक समस्याओं अवासीय समस्याओं इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। सर्वेक्षण में शोधार्थी द्वारा उत्तरदाताओं से प्रश्न पूँछा गया जिसमें वृद्धों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त तथ्यों को वर्गीकृत व विश्लेषित कर निष्कर्ष प्रस्तुत किये गए है।