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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की उपलब्धियों का मूल्यांकन (सीधी जिले के विशेष संदर्भ में)
भारत एक विकासषील देष है, यहॉ की अधिकांष आबादी गॉवों में निवास करती है गॉव में अषिक्षा, बेरोजगारी, और गरीबी गंभीर समस्याऐं हैं। और इन समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब गॉव के गरीब लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। गॉवों के लोगों को रोजगार दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने में महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने अपनी अहम भूमिका अदा की है। महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 हमारे देष का पहला अधिनियम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गॉवों में ही रोजगार उपलब्ध कराता है। इस कानून का लक्ष्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक पंजीकृत परिवार के वयस्क सदस्यों को कम से कम 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है, इस योजना में अकुषल मजदूरों को स्थानीय स्तर पर 100 दिनों का रोजगार देने की गांरटी दी गई है। इसका मुख्य उद्देष्य ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को जो अकुषल श्रम करने के इच्छुक हैं, कि आजीविका सुरक्षा बढ़ाना तथा गॉवों का शहर की ओर पलायन को रोकना है साथ ही कानून के तहत महिलाओं को पुरूषों के बराबर वेतन तथा काम में 33ः महिला सहभागिता अनिवार्य है।