{"title":"राजस्थान की पंचायती राज व्यवस्था में महिला सहभागिता","authors":"सुवालाल जाखड़","doi":"10.33545/26648679.2023.v5.i2a.58","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"विशाल जनसंख्या एवं क्षेत्रफल वाले देश भारत मे स्थानीयता या पंचायत का महत्व प्राचीनकाल से हैं। स्थानीय स्तर पर सभी लोग पंचायत करके अपनी समस्याओं का समाधान एवं न्याय प्रदान करते रहे हंै। भारत के संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अन्र्तगत राज्य से यह अपेक्षा की गयी है कि वह पंचायती राज व्यवस्था की इस प्रकार से संस्थापना करे कि वे जन सहभागिता के लक्ष्य को वास्तविक स्वरूप प्रदान करने में सक्षम हो सके। स्वतंत्रता के पश्चात् महिलाओं में शिक्षा के प्रसार, महिलाओं की सामाजिक भूमिका में संवद्र्वन के लिए अनेक कार्यक्रमों के प्रवर्तन आदि के माध्यम से महिलाआंे की राजनीतिक सहभाागिता में वृद्वि हेतु प्रयास किये गये है। राजनीतिक प्रकिया के संबंध में सहभागिता महिलाओं की ऐसी भूमिका को इंगित करती है, जिसमें वह राजनीतिक प्रक्रिया के विभिन्न चरणों और पक्षों में सचेतन रीति से अपनी भूमिका का निर्वाह करती है। महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता के अध्ययन की दृष्टि से विभिन्न सामाजिक विविधताओं को समाहित किये हुए राजस्थान राज्य एक विशिष्ट इकाई है। प्रस्तुत शोध पत्र में राजस्थान में महिलाआंे की राजनीतिक सहभागिता का गहन अध्ययन किया गया है। इसके अलावा राजस्थान में महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता को लोकसभा, विधानसभा, पंचायत राज व मतदान व्यवहार के संदर्भ में समझने का प्रयास किया गया है।","PeriodicalId":224306,"journal":{"name":"International Journal of Sociology and Humanities","volume":"93 1","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2023-01-01","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"International Journal of Sociology and Humanities","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.33545/26648679.2023.v5.i2a.58","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
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Abstract
विशाल जनसंख्या एवं क्षेत्रफल वाले देश भारत मे स्थानीयता या पंचायत का महत्व प्राचीनकाल से हैं। स्थानीय स्तर पर सभी लोग पंचायत करके अपनी समस्याओं का समाधान एवं न्याय प्रदान करते रहे हंै। भारत के संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अन्र्तगत राज्य से यह अपेक्षा की गयी है कि वह पंचायती राज व्यवस्था की इस प्रकार से संस्थापना करे कि वे जन सहभागिता के लक्ष्य को वास्तविक स्वरूप प्रदान करने में सक्षम हो सके। स्वतंत्रता के पश्चात् महिलाओं में शिक्षा के प्रसार, महिलाओं की सामाजिक भूमिका में संवद्र्वन के लिए अनेक कार्यक्रमों के प्रवर्तन आदि के माध्यम से महिलाआंे की राजनीतिक सहभाागिता में वृद्वि हेतु प्रयास किये गये है। राजनीतिक प्रकिया के संबंध में सहभागिता महिलाओं की ऐसी भूमिका को इंगित करती है, जिसमें वह राजनीतिक प्रक्रिया के विभिन्न चरणों और पक्षों में सचेतन रीति से अपनी भूमिका का निर्वाह करती है। महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता के अध्ययन की दृष्टि से विभिन्न सामाजिक विविधताओं को समाहित किये हुए राजस्थान राज्य एक विशिष्ट इकाई है। प्रस्तुत शोध पत्र में राजस्थान में महिलाआंे की राजनीतिक सहभागिता का गहन अध्ययन किया गया है। इसके अलावा राजस्थान में महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता को लोकसभा, विधानसभा, पंचायत राज व मतदान व्यवहार के संदर्भ में समझने का प्रयास किया गया है।