{"title":"Heart disease and yoga: in the context of modern lifestyle","authors":"Dr. Garima singh","doi":"10.52984/ijomrc3402","DOIUrl":null,"url":null,"abstract":"आधुनिक यग में मानव अधिक से अधिक भोग विलासिता का जीवन व्यतीत कर रहा है जो जीवन शैली मानव ने अपनायी है वह निरंतर उसे रोगग्रस्त कर रही है विभिन्न प्रकार के रोग अपने लक्षणों के साथ मानव जीवन के स्वास्थ्य को विकृत कर रहे हैं इन्हीं रोगों की श्रृंखला में आज हृदय से संबंधित अनेक रोग मानव जीवन में अपना डेरा जमाए हुए हैं । प्रत्येक दूसरे व्यक्ति में यह रोग सरलता से देखने को मिलता है जिसके अनेक प्रकार के लक्षण श्वास तेजी से चलना, अधिक गुस्सा आना ,रक्तचाप का अनियंत्रित रहना ,एन्जाइना पेन आदि सामने आते हैं । इनके आधार पर यह जाना जा सकता है कि कहीं ना कहीं हमारा हृदय प्रभावित हो रहा है । अतः यह कह सकते हैं कि हृदय रोग ऐसी स्थितियों का एक समूह है जिनके कारण रक्त वाहिकाएं और हृदय दोनों ही प्रभावित होते हैं इन्हीं स्थितियों में हृदय से संबंधित सभी लक्षण परिलक्षित होने आरंभ हो जाते हैं। इनका कारण सर्वप्रथम हमारा आहार है सही पोषण का ना लेना, धूम्रपान आदि मादक पदार्थों का सेवन करना ,अपनी दिनचर्या में व्यायाम का सम्मिलित ना होना आदि है । यदि यह व्यवहार हमारे दिनचर्या के प्रति रहता है तो यह मानव स्वास्थ्य के लिए एक बहुत ही बड़ा खतरा है । अपने इस शोध पत्र में हम हृदय रोगों से संबंधित जो भी कारण है और उनका योग द्वारा कैसे प्रबंध किया जाए /क्या भूमिका रहेगी मानव जीवन में योग की हृदय रोगों को नियंत्रित करने में यह बतलाने का प्रयास करेंगें। क्योंकि योगाभ्यास ही है जो समस्त रोगों से सुरक्षित रखते हुए शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकता है। इस सन्दर्भ में नेशनल हेल्थ स्टेटिस्टिक्स की रिर्पोट में बताया गया है कि “The word yoga has been described as action leading to the union of the body and the mind which improves physical, mental and spiritual well being. It is an ancient art of mind-body control that originated in India over five thousand years ago and is now widely popular throughout the world. The National Health Statistics report that about 21 million adults living in the United States use yoga as a complementary health approach”","PeriodicalId":499221,"journal":{"name":"International Journal of Multidisciplinary Research Configuration","volume":"27 2","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2023-10-28","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":null,"platform":"Semanticscholar","paperid":null,"PeriodicalName":"International Journal of Multidisciplinary Research Configuration","FirstCategoryId":"1085","ListUrlMain":"https://doi.org/10.52984/ijomrc3402","RegionNum":0,"RegionCategory":null,"ArticlePicture":[],"TitleCN":null,"AbstractTextCN":null,"PMCID":null,"EPubDate":"","PubModel":"","JCR":"","JCRName":"","Score":null,"Total":0}
引用次数: 0
Abstract
आधुनिक यग में मानव अधिक से अधिक भोग विलासिता का जीवन व्यतीत कर रहा है जो जीवन शैली मानव ने अपनायी है वह निरंतर उसे रोगग्रस्त कर रही है विभिन्न प्रकार के रोग अपने लक्षणों के साथ मानव जीवन के स्वास्थ्य को विकृत कर रहे हैं इन्हीं रोगों की श्रृंखला में आज हृदय से संबंधित अनेक रोग मानव जीवन में अपना डेरा जमाए हुए हैं । प्रत्येक दूसरे व्यक्ति में यह रोग सरलता से देखने को मिलता है जिसके अनेक प्रकार के लक्षण श्वास तेजी से चलना, अधिक गुस्सा आना ,रक्तचाप का अनियंत्रित रहना ,एन्जाइना पेन आदि सामने आते हैं । इनके आधार पर यह जाना जा सकता है कि कहीं ना कहीं हमारा हृदय प्रभावित हो रहा है । अतः यह कह सकते हैं कि हृदय रोग ऐसी स्थितियों का एक समूह है जिनके कारण रक्त वाहिकाएं और हृदय दोनों ही प्रभावित होते हैं इन्हीं स्थितियों में हृदय से संबंधित सभी लक्षण परिलक्षित होने आरंभ हो जाते हैं। इनका कारण सर्वप्रथम हमारा आहार है सही पोषण का ना लेना, धूम्रपान आदि मादक पदार्थों का सेवन करना ,अपनी दिनचर्या में व्यायाम का सम्मिलित ना होना आदि है । यदि यह व्यवहार हमारे दिनचर्या के प्रति रहता है तो यह मानव स्वास्थ्य के लिए एक बहुत ही बड़ा खतरा है । अपने इस शोध पत्र में हम हृदय रोगों से संबंधित जो भी कारण है और उनका योग द्वारा कैसे प्रबंध किया जाए /क्या भूमिका रहेगी मानव जीवन में योग की हृदय रोगों को नियंत्रित करने में यह बतलाने का प्रयास करेंगें। क्योंकि योगाभ्यास ही है जो समस्त रोगों से सुरक्षित रखते हुए शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकता है। इस सन्दर्भ में नेशनल हेल्थ स्टेटिस्टिक्स की रिर्पोट में बताया गया है कि “The word yoga has been described as action leading to the union of the body and the mind which improves physical, mental and spiritual well being. It is an ancient art of mind-body control that originated in India over five thousand years ago and is now widely popular throughout the world. The National Health Statistics report that about 21 million adults living in the United States use yoga as a complementary health approach”